1. तेरी याद ों में ख या हूँ , तेरे इश्क में जीता हूँ ,
तेरे साथ ही हर पल, मैं जीना सीखा हूँ ।
2. तेरी बात ों का जादू , ददल में छाया है ,
तेरी हर मुस्कान में, मैंने खुद क पाया है ।
3. तेरी खुशबू सा महसूस कर
ों , तेरी बातें सुन लूों,
तेरी हर मुलाकात में, एक ख्वाब सा दे खूों।
4. तेरे दीदार की तलाश में, ददल धड़कता है ,
तेरे प्यार के आगे, हर मुश्कश्कल हार जाता है।
5. तेरे साथ चलना है जीवन का सफर,
तेरे दबना अधूरा है , हर ख्वाब और हर सपना।
6. तेरी म हब्बत में हर र ज़ नया एहसास ह ता है ,
तेरे दबना दज़न्दगी अधूरी सी बात ह ती है ।
7. तेरे प्यार में ख कर, जीने का मज़ा ही कुछ और है ,
तेरे साथ दबताये हर पल, खुदशय ों से भरा है ।
8. तेरे इश्क में ख ना चाहता हों , तेरी बाह ों में जीना चाहता हों ,
तेरे साथ ही मैं, जीवन का मतलब समझा हों ।
9. तेरी आूँ ख ों में ख जाना है , तेरे ददल में बस जाना है ,
तेरी म हब्बत में डूब कर, जीने का अथथ पाना है ।
10.तेरी बात ों में मेरी दज़न्दगी की खुदशयाूँ बसी हैं ,
तेरे साथ हर लम्हा, खासी है।
11. तेरी याद ों का सहारा दलए, रातें बीती हैं ,
तेरी म हब्बत में ख कर, दज़न्दगी जीती हैं ।
12. तेरी हर मुस्कान में छु पा है , मेरा प्यार,
तेरे दबना जीना मुश्कश्कल, बस यही बात है यार।
13. तेरी आूँ ख ों में ख जाऊों, तेरी बाह ों में समा जाऊों,
तेरे साथ ह जाए, यही मेरी ख्वादहश है सदा।
14. तेरे इश्क में जीना सीखा है, तेरे इश्क में मरना सीखा है ,
तेरी चाहत में ख कर, ददल क बहुत कुछ समझा है ।
15. तेरे दबना दज़न्दगी अधूरी सी लगती है ,
तेरे प्यार में ख कर, हर खुशी मुझे दमलती है ।
16. तेरे साथ ह ना ही मेरी दज़न्दगी का मकसद है ,
तेरे दबना जीना मुश्कश्कल, यह सच्चाई का अहसास है ।
17. तेरी हर मुस्कान में छु पा है , मेरा ख्वाब,
तेरे दबना जीना अधूरा, यही सच्चाई की धार है।
18. तेरे प्यार में ख कर, दु दनया भूल जाता हों ,
तेरे साथ हर पल, खुदशय ों में ख जाता हों।
19. तेरी बात ों में ख जाता हों , तेरी याद ों में बस जाता हों ,
तेरे प्यार में ही, अपना हकीकत समझ आता हों ।
20. तेरी चाहत का आलम है , ददल में बसा हों ,
तेरे दबना जीना मुश्कश्कल है , यह सच्चाई समझा हों।
21. तेरे साथ दबताया हर पल, खास है मेरे दलए,
तेरे दबना जीना अधूरा, यही सच्चाई है ददल में।
22. तेरे प्यार में ख जाना है , तेरे दबना रह नहीों पाता हों ,
तेरे साथ ह कर, अपने आप क पूरा मानता हों ।
23. तेरे दबना दज़न्दगी की राह मुश्कश्कल है ,
तेरे प्यार में ही, सच्चाई का आलम है ।
24. तेरी याद ों में ख जाऊों, तेरी बात ों में ख जाऊों,
तेरे इश्क में ही, मेरा ददल धड़कता है ।
25. तेरे चेहरे की मुस्कान में, ख जाता हों ,
तेरे इश्क में धीरे -धीरे , खुद क बदल जाता हों ।
26. तेरे प्यार का दज़न्दगी में, हर र ज़ एहसास ह ता है ,
तेरी याद ों का सहारा लेकर, हर पल गुजर जाता हों।
27. तेरे प्यार में ख ना मेरी सबसे बड़ी खुशी है ,
तेरी चाहत में ही, मेरा जीना बसी है ।
28. तेरी आूँ ख ों में दे खकर, खुद क भूल जाता हों ,
तेरे प्यार में ही, अपनी म हब्बत क पाता हों ।
29. तेरे इश्क में ही, मेरा जीना सही है ,
तेरे साथ ही, मेरा ददल खुशी से भरा है ।
30. तेरी याद ों में ख कर, ददन बीते जाते हैं ,
तेरे प्यार में ही, मैं खुद क पाता हों ।
31. तेरे दबना जीना मुश्कश्कल सा लगता है ,
तेरे प्यार में ही, मेरा सच्चा सहारा है ।
32. तेरे प्यार में ख कर, ददल क सुकून दमलता है ,
तेरे साथ ह कर, ददल क चैन दमलता है ।
33.तेरे दबना जीना मुश्कश्कल सा लगता है ,
तेरे प्यार में ही, अपनी म हब्बत क समझता हों ।
34. तेरे प्यार में ख जाना है , तेरे साथ ही रहना है ,
तेरे दबना जीना मुश्कश्कल है , यह सच्चाई मैं समझता हों ।
35. तेरे इश्क में ही, मैंने खुद क पाया है ,
तेरे प्यार का आलम ही, मेरा जीना समझा है।
36. तेरे प्यार की गहराईय ों में, मैं ख जाता हों ,
तेरी याद ों के साथ, हर पल मैं जी जाता हों ।
37.तेरे साथ दबताया हर पल, खास है मेरे दलए,
तेरे दबना जीना अधूरा, यही सच्चाई है ददल में।
38. तेरे इश्क में जीना सही है , तेरे साथ ही रहना सही है ,
तेरे दबना जीना मुश्कश्कल है , यही सच्चाई है ददल की।
39.तेरे प्यार में ख ना मेरा सबसे बड़ा ख्वाब है ,
तेरी चाहत में ही, मैं अपना सच्चा वास्ता मानता हों ।
40. तेरे प्यार का आलम ही, मेरा ददल का हाल है ,
तेरी याद ों का सहारा लेकर, मैं हर ददथ क भूल जाता हों ।
41. तेरी याद ों की रातें हैं , मेरी दज़ोंदगी की चाूँ दनी,
तेरे प्यार में ही, मैं अपनी दज़न्दगी की सच्चाई समझता हों ।
42. तेरे दबना जीना मेरे दलए मुश्कश्कल है ,
तेरे प्यार में ही, मेरा सच्चा सहारा है ।
43. तेरे प्यार में ख ना ही, मेरी सबसे बड़ी ख्वादहश है ,
तेरे साथ ही, मेरा जीना सही है।
44. तेरी याद ों में ख कर, ददल क सुकून दमलता है ,
तेरे साथ ह कर, मैं हर खुशी क महसूस करता हों ।
45. तेरे प्यार में ख जाना है , तेरे साथ ही रहना है ,
तेरे दबना जीना मुश्कश्कल है , यह सच्चाई मैं समझता हों ।
46. तेरे इश्क में ही, मेरा ददल बेकरार है ,
तेरे प्यार में ही, मैं अपनी खुदशय ों क पाता हों ।
47. तेरे प्यार में ख ना ही, मेरी दज़ोंदगी का मकसद है ,
तेरे साथ ही, मैं अपना सच्चा प्यार पाता हों ।
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